Ae – Zindagi
ए- ज़िन्दगी ए- जिंदगी! तेरे इस माया जाल मेंखुद को तलाशती हूं मैंगिरती हूं, उठती हूंफिर चलना सीख जाती हूंमुझे नहीं पता क्या है गलत,सही क्या हैबस मुश्किलों में खुद को अकेला पाती हूं मैंए- जिंदगी! तेरे इस माया जाल मेंखुद को तलाशती हूं मैं ख्वाबों को सजाना जानती हूंहम में मुस्कुराना जानती हूंअपनों की …